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Showing posts from March 12, 2020

बातें

इस पापी दुनिया मे जो कुछ भी बनाया जा सकता है ! बात बनाना उनमें से एक है ! कुछ और ना बना पायें तो बात बनाईये ! यदि आपको दुनिया जहान के काम आते हो ,मेहनती हों ,ईमानदार हों पर यदि बातें बनाने मे आप फिसड्डी है तो यह माना जायेगा कि आपको कुछ नही आता ! आप किसी काम के नहीं और आपसे किसी भी तरह की उम्मीद नहीं रखी जा सकती !  हाँलाकि महाकवि इंदीवर फ़रमा गये है कस्मे वादे प्यार वफ़ा सब बातें है बातों का क्या ! पर मै उनसे इत्तफ़ाक़ नही रखता ! बातो का बहुत कुछ है ! सही बात तो ये है कि ये दुनिया बस बातों का ही जमा ख़र्च है ! बातें वक़्त काटने के काम तो आती ही है बहलाने फुसलाने के ,कुछ भी कचरा कूडा बेचने के काम भी आती है ! बातें करने वाला साबुन सोडे से लेकर राजनीति, धर्म ,भाषा ,संस्कृति सब कुछ बेच सकता है ! बेचता ही है !  सब बातो का खेल ही है ! मदारी के मजमे से लेकर वकीलों और बनियों की दुकाने ,बाबाओं के आश्रमों की रौनक़ें ,नेताओं की मख़मली कुर्सियाँ सब लच्छेदार बातों की ही मोहताज है ! बातें बनाना वो पूँजी है जिससे नौ लखा महल खड़े किये जा सकते है ! यदि आप बातें बनाना नहीं जानते तो ज़िंदगी भर बातें बनाने