इस पापी दुनिया मे जो कुछ भी बनाया जा सकता है ! बात बनाना उनमें से एक है ! कुछ और ना बना पायें तो बात बनाईये ! यदि आपको दुनिया जहान के काम आते हो ,मेहनती हों ,ईमानदार हों पर यदि बातें बनाने मे आप फिसड्डी है तो यह माना जायेगा कि आपको कुछ नही आता ! आप किसी काम के नहीं और आपसे किसी भी तरह की उम्मीद नहीं रखी जा सकती !
हाँलाकि महाकवि इंदीवर फ़रमा गये है कस्मे वादे प्यार वफ़ा सब बातें है बातों का क्या ! पर मै उनसे इत्तफ़ाक़ नही रखता ! बातो का बहुत कुछ है ! सही बात तो ये है कि ये दुनिया बस बातों का ही जमा ख़र्च है ! बातें वक़्त काटने के काम तो आती ही है बहलाने फुसलाने के ,कुछ भी कचरा कूडा बेचने के काम भी आती है ! बातें करने वाला साबुन सोडे से लेकर राजनीति, धर्म ,भाषा ,संस्कृति सब कुछ बेच सकता है ! बेचता ही है !
सब बातो का खेल ही है ! मदारी के मजमे से लेकर वकीलों और बनियों की दुकाने ,बाबाओं के आश्रमों की रौनक़ें ,नेताओं की मख़मली कुर्सियाँ सब लच्छेदार बातों की ही मोहताज है ! बातें बनाना वो पूँजी है जिससे नौ लखा महल खड़े किये जा सकते है ! यदि आप बातें बनाना नहीं जानते तो ज़िंदगी भर बातें बनाने वालों की चाकरी करेंगे ये तय है !
बातो की अपनी महक होती है ! बातें बनाना स्वादिष्ट चाट बनाने सी कलाकारी है ! मसालों का सही अनुपात हो तभी तो चाट खाने वाला ऊँगली चाटेगा ! इसी तरह चटपटी हो आपकी बातें ,तो सुनने वाले लाईन लगाये खड़े रहेंगे यह तय है !
बाते बनाने वाले जादूगर होते हैं ! उनके हैट से बातो के ऐसे ऐसे ख़रगोश निकलते हैं कि सुनने वाले दम साध लेते हैं ! उसकी बजाई बांसुरी पर चूहों की तरह उनके पीछे हो लेते है ! और वही सुनते हैं और वैसा ही करते है जो उनसे कहा जाता है !
बातें माहौल बना देती है ! कुछ करने धरने की ज़रूरत नही ! बातें करना भरोसा दिलाना है ! मै ये कर दूँगा , मै वो कर दूँगा ! हम हिंदुस्तानियों की ख़ासियत है ये ! हम बातों मे आ जाते हैं ! फिदा हो जाते है बातें बनाने वालो पर ! बातें बनाने वाले आपके वोट का ,धन का ,वो आपसे जो लेना चाहता है उसका ,जो कुछ भी आपके पास है उसका ! डंके की चोट पर लूट लेते है ! बातों के धनी बातों की ही खाते है ! बस बातें कीजिये और जो मर्ज़ी हो खा जाइये !
दुनिया में अब तक हुये सारे लोकप्रिय नेताओं की ,तानाशाहों की फ़ेहरिस्त पर नज़र दौड़ा लीजिये ! ये सभी बातो के धनी थे ! लोग उनकी बातों पर ही लट्टू हुये ! फिरकी की तरह नाचे और उनकी हर सही ग़लत बात पर ताली बजाते रहे ! उनका सम्मोहन तभी टूटा जब बातें बनाने वाला मंच से विदा हुआ !
हमारे खास से लेकर आम तक ,हर वर्ग मे आपको बातें बनाने वाले मिल जायेंगे ! सरकारी नलों पर पानी भरने आयी झगड़ती वीर ललनाओ की बाते ही सुन लीजिये ! बात अपनी बाल्टी पहले भरने से शुरू होती है और सामने वाली के लुच्चे ख़ानदान से होती हुई उनकी अम्माँओं ,लड़कियों के चरित्र चित्रण पर ख़त्म होती है ! सार्वजनिक स्थानों पर की गई ,सुनी गई बातें आपकी जनरल नॉलेज को हाहाकारी तरीक़े से बढ़ा देती है ! आप को यह पता चलता है कि मौहल्ले के बहुत से बड़े लोग उतने भी बड़े नही है जितना आप अब तक समझे बैठे थे ! अलाने जो ऊँची नाक लिये घूमते हैं पहले जुँआ खिलाते थे और बड़े मकान वाले फलाने अब दिवालिया हो चुके है ,और केवल उधार और लौकी के सहारे ज़िंदा हैं ! आप यह भी जान पाते है कि मोहल्ले की किसी सुंदर कन्या विशेष को लेकर कितनी उम्मीद रखी जा सकती है या दुखी हुआ जा सकता है !
अब सारे ही ,हर कोई बात बनाने का हुनर जानता हो ऐसा भी नही है ! यह उपर वाले की कृपा है ! ये वो पैदायशी ललित कला है जो सीखी नही जा सकती !
बातें बनाने वाला आता है ! बनाता है बातें और अपनी बात बनाकर निकल लेता है ! आप टापते रह जाते है उसको ! आप उससे अनमने है ! उधार वसूल करने आये हैं वो आपकी मुंहजबानी ऐसी ख़ातिरदारी करता है कि आप उसे कुछ और रक़म थमा आते है ! हो सकता है आप यह तय कर लें कि इस बार जो हुआ सो हुआ अगली बार इसकी बातों मे नही आऊँगा पर अगली बार भी होता वही है जो बातें बनाने वाला चाहता है ! वह आता है ! बातों से बातें निकालता है ! और अपनी बात बना ले जाता है !
बातें बनाने के लिये एक अलग ही फ़ितरती क़िस्म का कॉन्फ़िडेंस चाहिये होता है ! सामने वाले को बेवकूफ समझने या बना लेने का हौसला होना चाहिये आदमी में ! बातो में इतनी रवानी होना चाहिये कि सुनने वाले बह ही जायें ! डूब जाये उसमें और कोई मुश्किल सवाल ना कर सके !
हम फुरसतिये समाज है ! दुनिया भर की पंचायत करने के लिये ,बवाल काटने के लिये बहुत वक़्त होता है हमारे पास ! ऐसे में बातें बनाने वाले की अपनी अलग ही ख्याति होती है ! लोग इंतज़ार करते है उसका ! वह जिस मजमे मे पहुँच जाता है उसे लूट लेता है ! लम्बी लम्बी छोड़ता है वो ! लोग लपेटते हैं ! सर धुनते हैं ! जलेबियाँ बनती है बातों की ! और सुनने वाले बातों से ही पेट भर लेते है !
बात उनकी ही बिगड़ती है जिन्हें बातें बनाना नही आता !
यदि आपको बातें बनाना नही आता तो आप गधे हैं ! गधे राज नही करते ! वो लदे रहने के लिये ही पैदा होते है ! सो लदे रहिये ! हमे तो है बातें बनाना ! सो राज करना हमारा हक़ है !
एक और आख़री बात ! सही बात तो ये है कि मैं फ़ुरसत में था ! करने धरने को कुछ ख़ास है नही ! लिहाज़ा ये सारी बातें केवल बात बनाने के लिये ही कही गयी हैं !
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