कितना वक़्त खोया मैंने , खोने को और पाने को , काश की ये वक़्त मिल जाता , फिर से मुझे बिताने को ... फ़रियाद किया ,याद किया , कितना वक़्त बर्बाद किया , हँसा -रोया -गाया , पर आवाज़ नहीं पहुंची मेरी , जाता रहा मूरत के आगे घंटी मगर बजाने को .. जज्बातों की तपिश में चमका करता था , एक हलकी सी बारिश में सब कुछ बह गया , किसने कहा था मुझे , रेत का घर बनाने को .. कभी रिश्तों का नाम दिया था जिनको मैंने , आज सब किश्तों में अदा करता जाता हूँ मैं , मेरे बदले कौन आएगा मेरा क़र्ज़ चुकाने को .. अभिनेता हूँ जो हर पल अभिनय करता हूँ , ये हसी, ठिठोली, रंग, उल्लास रित जीवन , एक मुखौटा भर जीता हूँ , दुनिया को दिखाने को .. पूरा करती तुम मुझे तो कोई बात भी थी , पूरी बात ये है की तुम मेरा अधूरापन हो , मैं तुम्हारी ओर आता हूँ , बस वापस लौट जाने को .. उसने जो पूछा , 'लिखने का वक़्त मिल जाता है ', लिखने के लिए सांस तो कई सारे लेते है , मैं लिखता हूँ मगर , सां
Me, Mine and Myself