These days I hardly get any time for anything i want to do, blogging being one of them. So I am starting this new series. The 15 minutes of life, wherein I will be spending a good 15 minutes to update the best things that happened to me in the day. This way, I will buy some more time to think on larger posts without compromising on my presence here. Moreover, thinking about the best things that happen, give a sweet end to the day.
मुद्दत हो गयी उन तन्हायियो को गुजरे , फिर भी इन आँखों में नमी क्यों है ? तोड़ दिया मोहब्बत पर से यकीन मेरा, फिर भी मेरी दुनिया में तेरी कमी क्यों है ? हसरत है क्यों आज भी तेरी चाहत की मुझे, क्यों याद तेरी जेहेन से मिटती नहीं ? जलजला क्यों उमड़ता है ख्वाबो में मेरे, उस आशिकी की आगज़नी क्यों है ? सन्नाटो में भी क्यों सुनता हू तुझे मेरी परछाई से क्यों तू जाती नहीं ? इन डबडबाती आँखों को तलाश तेरी, आज भी कहीं क्यों है ?
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