हर कदम हर राह पे, बिता कुछ पल ही सही,
सहारे तो मिल ही जायेंगे मगर तू ठेहेरना नहीं!
रख वफ़ा बाजुओं पे ए राही, किनारे मिलेंगे जरूर,
डूबते तो वे हैं जिनकी कश्तियों में माझी ही नहीं!
सहारे तो मिल ही जायेंगे मगर तू ठेहेरना नहीं!
रख वफ़ा बाजुओं पे ए राही, किनारे मिलेंगे जरूर,
डूबते तो वे हैं जिनकी कश्तियों में माझी ही नहीं!
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